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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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ओमप्रकाश पुरोहित 'कागद'

जन्म-तिथि अर स्थान : 5-7-1957 ई.,केसरीसिंह पुर (श्री गंगानगर-राज.)
शिक्षा : बी.ए.
सदीव रो ठिकाणो :तेजभुवन, केसरीसिंहपुर (श्री गंगानगर) 335207
मौजूदा ठिकाणो : उपर मुजब

पत्र-पत्रिकावां में छप्योड़ी साहित्यिक रचनावां

हिन्दी अर राजस्थानी कवितावां अनेक पत्र-पत्रिकावां में छपीं

दूजी सूचनावां

सहसंपादक-शाश्वत सत्य साप्ताहिक, श्री गंगानगर

अण छपी पोथ्यां

कागद काव्य

मौजूदा काम धन्धो

पत्रकारिता


जिण भांत बिलाठी/बिलटी रै आखरां रै उच्चारण रा बाकै मेँ ठोड़-ठिकाणां है उणीज भांत कक्कियै रै आखरां रा भी आपरा उच्चारण रा ठोड़-ठिकाणां है । "कक्कै" सूं लेय'र "मम्मै" ताईं रा आखर ऐड़ा आखर है जकां नै इसपरस वरण भी कथै । समूळै कक्कियै रै आखरां रो उच्चारण जीब अर मुंडै रै किणीं न किणीं हिस्सै सूं इसपरस करियां ई होवै । इणीज कारण आं नै इसपरस आखर कैवै । कक्कियै नै पांच नावां सूं बोलीजै । ऐ नांव उणां री लड़ी रै पैलै आखर माथै राखीज्यो थको है ।

क ष ग घ ङ = क वरग
च छ ज झ ञ =च वरग
ट ठ ड ढ ण =ट वरग
त थ द ध न=त वरग
प फ ब भ म=प वरग

खास बात

1.ऐ ऊपरला पांचूं वरग इसपरस वरग बजै । आं पांचूं वरगां रा सगळा आखर इसपरस आखर बजै ।

2.पुराणीं राजस्थानी में आज रो "ख" आखर नीं हो । इण री जाग्यां वैदिक संस्कृत री भांत "ष" ई हो।

"ष" रो उच्चारण आज रै "ख" री भांत इज हो ।

य र ल व =अंतस आखर
आं रो उच्चारण बिलाठी अर कक्का रै आखरां रै बीच रो हो

श ष स ह=ताता/ऊन्हां आखर
आं रो उच्चारण कंठां सूं करतां कंठां में गिदगिदी सी होवै ।

खास बात

1. पुराणीं राजस्थानी में श ष स में सूं फगत स रो ई बरतारो होवंतो । राजस्थानी में श ष री ठोड़ आज भी फगत स ई काम में लिरीजै ।

2.कक्कियै रै सगळै वरगां रा पैला दो आखर अघोस आखर बजै । ऐ निग्गर आखर बजै । आं नै उच्चारतां कंठां में खरखराट होवै ।

3.कक्कियै रै सगळै वरगां रा छेकड़ला तीन आखर अंतस आखर का पछै घोस आखर बजै । आं नै कंवळा आखर भी कैवै । आं नै उच्चारतां कंठां में झणझणाट सुणीजै ।

क ,ष [ख] च छ ट ठ त थ प फ श ष स= अघोष [निग्गर आखर]

   

ग घ ङ ड़ ज झ ञ ड ढ ण द ध न ब भ म य र ल= घोस [कंवळा आखर]

   

खास बात

   

1.सगळै वरगां रा दूजा आखरां नै टाळ'र बाकी सगळा आखर कमतीपिराण [अल्पप्राण] कथीजै । आं नै उच्चारतां सांस रो आवणों-जावणों नीं लखावै । बाकी सगळा कक्किया आखर बड़पिराण [ महाप्राण] कथीजै । आं नै उच्चारतां सांस कीं बेस्सी खरचीजै ।

2.बिलाठी/बिलटी रा सगळा आखर बड़पिराण होवै ।

3.सगळै वरगां रा पांचवां आखर [ ङ , ञ , ण ,न अर म ] नासिया कक्का [ अनुनासिक] बजै । आं नै उच्चारतां सांस नास्यां म्हांखर निकाळणों पड़ै ।

4. राजस्थानी में चांद मिंडी [चँ] नीं होवै । फगत कोरी मिंडी [चं] इज लागै ।
जियां- चंग ,मंगळ , सूंठ , कूंजड़ो , डंडो , टंटो अर चांदियो ।

5.राजस्थानी में ढ़ , .ध , .व आद आखर खास घोस अर स , स्ह अर औ आखर अघोस आखर बजै । आं रो उच्चारण विसरग [ : ] जेड़ो इज होवै ।

   

पाठ -14 , राजस्थानी बिलाठी रै उच्चारण रा ठोड ठिकाणा

   

अ = इण रो उच्चारण कंठां सूं हवा री रगड़ खाय नै होवै | जीब नीचे पड़ी रैवै पण मुंडो खुलै | कंठां सूं हवा इज निकळै |
आ =इण रो उच्चारण भी कंठां सूं हवा री रगड़ खाय नै होवै | जीब नीचे पड़ी रैवै पण मुंडो कीं बेस्सी खुलै | हवा कंठां रै सागै-सागै छाती सूं आवंती लखावै |
इ = इण रो उच्चारण हवा रै ताळवै सूं रगाडीजतां होवै | हवा कंठां सूं निकळ नीचले दान्तां री जड़ सूं भिड़'र बाअंडै निकळै |
ई =इण रो उच्चारण भी हवा रै ताळवै सूं रगाडीजतां होवै | हवा कंठां सूं निकळ ऊपरलै दान्तां री जड़ सूं भिड़'र जीब रै नुकरै सूं बाअंडै निकळै
उ=इण बिलाठी नै उच्चारतां होठ गोळाई में खुलै अर हवा कंठां सूं निकळ होठां सूं भिड़'र बाअंडै आवै ।
ऊ=इण बिलाठी रो उच्चारण "उ" रै ई भांत होवै पण इण नै उच्चारती बगत होठ घणीं देर ताईं खुला अनै अनै गोळ बण्या रैवै ।
ए=इण नै उच्चारतां हवा कंठां सूं निकळ परी ताळवै सूं भी रगड़ीजै । बोल्यां पछै भी मुंडो खुलो रैवै ।
ऐ=इण रो उच्चारण भी "ए" री ई भांत होवै पण हवा कंठ-ताळवै सूं रगड़ीछती जीब रै नुकरै सूं भिड़ती बाअंडै निकळै । इण आपळ में जीब ऊपर नै उठ जावै ।
ओ=इण बिलाठी नै उच्चारती बगत हवा कंठां सूं निकळ'र होठां सूं रगड़ीजती मुंडै सूं बाअंडै निकळै , उण बगत दोन्यूं होठ साव गोळो बणावै ।
अं=इण नै उच्चारतां हवा कंठां सूं नाक खानीं जावै परी पण मुंडो खुलो रैवै ।
औ =इण रो उच्चारण भी "ओ" री भांत इज होवै पण इण में होठ गोळाई में खुल'र हवा निकाळै अर हवा रै निकळतां ई पाछा बंद हो जावै ।
अः=इण नै उच्चारतां जीब बिन्यां हिल्यां सूती रैवै पण नीचलो होठ नीचै ढीलो पड़ जावै । कीं हवा नाक सूं भी निकळती लखावै पण असल में निकळै नीं । छेकड़ में "ह" री भी अवाज भी आवै ।

बिलाठी सूं सरु होवण आळा सबद देखो
============================
अ=अनार , अजवाण, अडवो , अटाळो, अरज,अकडोडिया
आ=आटो,आमली,आस, आकड़ो,आडी,आल
इ=इधको,इन्याम,इम्मी,इळा, इडूणी , इल्ली
ई=ईसको, ईसर , ईदावाटी , ईडर , ईस, ईद
उ=उकाळी , उभारो , उकरास , उगणीस , उचाळो , उघाड़ो
ऊ=ऊत , ऊपर , ऊजळो , ऊनाळो , ऊस , ऊगतो
ए=एहड़ो , एवड़ , एकाध, एकांतरो ,एकतारो, एकलो
ऐ=ऐडी , ऐबलो , ऐसकै , ऐरण , ऐन , ऐडो
ओ=ओळमो , ओरो , ओढणियों , ओट , ओछो , ओपरो
औ=औखद , औगण , औ घड़ , औटावणों , औरूं , औसर
अं=अंतस , अंटी , अंतमेळ , अंगरखो, अंधारो . अंजस
अः= ओ विसरग है अर सबद रै छेकड़ में लागै ।

 

 

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